सामाजिक,शैक्षणिक,साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था
एक परिचय
महाराष्ट्र में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में ‘अभियान’ की भूमिका
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लगभग 3६ वर्षों से कार्य कर रही सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था ‘अभियान’ द्वारा निरंतर महाराष्ट्र जैसे गैर हिन्दी भाषी प्रदेश में उत्तरभारतीय समाज के हित में काम करने के साथ ही लोक भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भी काम करती है,इसके अलवा हिन्दी भाषा के संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार हेतु अत्यंत सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। ‘अभियान’ संस्था सदैव हिन्दी की सेवा में तत्पर रही है।
उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस शुरु करने का काम अभियान ने किया-
1989 में स्कूल व कॉलेज के छात्रों ने अभियान संस्था का गठन कर उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शुरु किया।अमरजीत मिश्र के नेतृत्व में शुरु किया गया यह आयोजन इसके पहले कहीं नहीं होता था।उत्तरप्रदेश सरकार भी इसका आयोजन नही करती थी।जब यूपी के राज्यपाल श्री राम नाईक जी बने तब श्री मिश्र ने अखिलेश यादव की सरकार को यूपी दिवस मनाने का आग्रह किया,वे नहीं माने।2017में जब योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बनी तब राज्यपाल राम नाईक ने अमरजीत मिश्र द्वारा उपलब्ध कराया गया यूपी दिवस से सम्बंधित कागजात उन्हें सौंपा और 2 मई2017 को यूपी कैबिनेट में यह आयोजन यूपी में शुरु करने का प्रस्ताव परित हुआ।इस महती कार्य के लिए यूपी सरकार ने अभियान के संस्थापक अमरजीत मिश्र का सम्मान किया।
अभियान द्वारा विगत 3६ वर्षों से मुंबई में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस वृहद रूप में मनाया जाता रहा है। इस समारोह में अब तक उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह, वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस, हेमा मालिनी, श्री नीतिन गडकरी, स्व गोपीनाथ मुंडे, श्री कलराज मिश्र, श्री केशवप्रसाद मौर्य, डॉ महेंद्रनाथ पांडेय , श्री स्वतंत्रदेव सिंह, श्रीमती मृदुला सिन्हा जी आदि गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही है। साहित्यकार धर्मवीर भारती एवं डॉ.महावीर अधिकारी का सम्मान भी अभियान द्वारा किया गया है। मुंबई में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाने की शुरुआत अभियान के संस्थापक श्री अमरजीत मिश्र द्वारा की गई थी।सबसे रोचक समारोह १९९४ में हुआ था। जब मुंबई के २४ वर्षीय नवयुवक अमरजीत मिश्र ने उत्तरप्रदेश के बीजेपी उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह से फ़ोन पर संपर्क कर कहा कि आपका अभियान द्वारा हम सम्मान करना चाह रहे हैं। श्री सिंह ने कारण जानना चाहा तो अमरजीत बोल पड़े कि यूपी में शिक्षा मंत्री रहते हुए आपने नक़ल विरोधी अध्यादेश का क़ानून लाया और कड़ाई से उसका पालन किया। यूपी की ख़राब होती शिक्षा व्यवस्था को आपने ठीक करने का काम किया। राजनाथ जी युवक की बात मान गये। मुंबई के भव्य दीनानाथ मंगेशकर सभागृह में २४ जनवरी १९९४ को एक शानदार समारोह हुआ। श्री राजनाथ सिंह का सम्मान हुआ। यह यादगार समारोह लोगों के मन मस्तिष्क पर छा गया